निर्माण मज़दूरों के वर्शों के कड़े सघर्श के बाद भारत सरकार ने निर्माण मज़दूरों के लिए एक कानून बनाया। इसी कानून के तहत दिल्ली सरकार ने 2002 में दिल्ली भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया। वर्तमान समय में बोर्ड के पास 12 सौ करोड़ के लगभग रूपया जमा है इतना रूपया होने के बावजूद सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड निर्माण मज़दूरों का कल्याण नहीं कर पा रहा है। बोर्ड के पैसो से मिलने वाले फायदे इन मज़दूरों तक नही पहुंच रहा है इसका मुख्य कारण है कि मज़दूरों में इस कानून एवं बोर्ड की जानकारी की कमी इसी कमी के कारण निर्माण मज़दूर अपना पंजीकरण नहीं करा पाते हैं और इसी कमी को दूर करने के लिए दिल्ली निर्माण मज़दूर संगठन दिल्ली की सभी बस्तियों लेबर चौक तथा कालोनियों में बैठक कर संगठन का सदस्य बनाकर दिल्ली भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया से जोड़ रहा है और इस कानून के बारे में तथा बोर्ड से मिलने वाले लाभ के बारे में जन जागरूक कर रहा है।
-Ravi Kumar Saxena